अलवर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि0 अलवर
जयपुर रोड़, अलवर-301001
ISO-9001:2000 & HACCP ORGANIZATION
Phone : 2333926, 2701010 Fax : 0144-2342925


कृषक संगठन उदभव एवं दायित्व



अलवर दुग्ध संघ की स्थापना वर्ष 1972 में सहकारिता के सिद्धांतों पर हुई थी। कृषक संगठन एवं तकनीकी आदान कार्यक्रम इस संघ की रीढ है। प्रारम्भ में दुग्ध उत्पादन करने वाले पशुपालकों को दूध बिक्री करने के लिए श्वेत क्रान्ति के प्रचार प्रसार एवं विस्तार हेतु समझाया गया, शिक्षित किया गया, सहकारी दुग्ध समितियां गठित की गयी। दूध का उत्पादन बढाने तथा दुग्ध उत्पादन लागत में कमी लाने हेतु तकनीकी आदान सेवायं प्रारम्भ की गयी। पशुओं के लिए प्राथमिक चिकित्सा, आपात चिकित्सा, बांझपन निवारण शिविर, कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण आदि सेवाऐ उपलब्ध करायी गयी। तत्पश्चात उत्पादकता वॄद्धि हेतु उन्नत चारा बीज, सन्तुलित पशु आहार, यूरिया मौलेसिस ब्रिक्स(UMB) , मिनरल मिक्चर आदि की सुविधा प्रदान की गयी।


पशुओं के रख रखाव एवं दुग्ध उत्पादन कार्य में महिलाओं का अत्यधिक योगदान होने के कारण राज्य सरकार एवं NDDB के सहयोग से सहकारिता एवं महिला सशक्तिकरण हेतु महिला विकास कार्यक्रम ( WDP) सहकारिता विकास कार्यक्रम (CDP) चलाया गया। महिलाओं की समाज में भागीदारी बढाने हेतु महिला दुग्ध समितियां खोलकर उन्हे समिति का सदस्य एवं पदाधिकारी बनाया गया। तथा आर्थिक रूप से स्वावलंम्बी बनाने हेतु स्वयं सहायता समूह के माध्यम से बैंक ऋण भी उपलब्ध कराया गया।


दुग्ध संघ तथा समितियों के आधारभूत ढाँचे को मजबूत करने में भारत सरकार तथा राज्य सरकार से विभिन्न कार्यक्रमों जैसे DNY, RKVY, CMP आदि का वित्तीय योगदान/अनुदान भी प्राप्त हुआ जिसके तहत BULK MILK COOLER दुग्ध संकलन एवं टैस्टिंग उपकरण, दुग्ध कैन, ई0एम0टी0 आदि क्रय किये गये। अधिकांश समितियों पर दूधिया पैर्टन को अस्वीकार कर पशुपालकों की मांग पर पारदर्शिता को बढावा देने वाले PCMCU/ DPMCU/ LACTOSCAN आदि DCS Automatic Milk Collection System लगाये गए है।


सहकारिता के मूल सिद्धांत ”एक सब के लिए - सब एक के लिए“ अपनाकर अलवर दुग्ध संघ अपनी समितियों के सभी दुग्ध उत्पादक सदस्यों के हिर्ताथ पिछले दस वर्ष से आर0सी0डी0एफ0 के मार्गदर्शन में सरस सुरक्षा कवच बीमा योजना तथा सरस सामूहिक आरोग्य बीमा योजना चलाकर सगे संबन्धियो की भांति उनके दुख दर्द बाँट रही है, आर्थिक सहयोग प्रदान कर रही है । तथा उनके आश्रित कक्षा 9 से 12 के छात्र-छात्राओं को जनश्री योजना में छात्रवृत्ति भी 1200/-रू0 प्रति वर्ष उपलब्ध करा रही है।


खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत औसत 500 ली0 प्रति दिन दूध देने वाली समितियों / सभी बी.एम.सी. समितियों का लाईसेंस एवं शेष सभी समितियों का पंजीकरण कराया जा रहा है। दूध मिलावट पर प्रभावी नियंत्रण करने हेतु सतत निगरानी के साथ लैब जाँच की जा रही है तथा नियमानुसार कैन जप्त करने एवं शास्ति लगाने की कार्यवाही नियमित जारी है।